धनिया व धनिया पत्ती के 6 लाभदायक प्रयोग

धनिया व धनिया पत्ती के उपयोग - benefits of coriander in hindi


इस लेख में आपको धनिया व धनियां की पत्ती का उपयोग के बारे मे बताने जा रहे हैं। सामान्यता पूरे भारत वर्ष में धनिये का प्रयोग किया जाता है । इसका प्रयोग लगभग सभी घरों मे किया जाता है । आमतौर में धनिया का प्रयोग मसले के रूप में खुशबू व स्वाद के लिए किया जाता है । लेकिन हम यहां पर धनियां के उपयोग-uses of coriander के बारे मे बताने जा रहे हैं


धनिये में स्थिर व उड़नशील तेल पाया जाता है । धनिया व इसके चूर्ण को ढक्कन बंद बर्तन में रखना चाहिए । अन्यथा तेल उड़ जाने के कारण यह औषधीय प्रयोग हेतु प्रभावी नही रहता है ।
इसका वैज्ञानिक नाम coriandrum sativum L.है। यह Apiaceae कुल का पौधा है । इसे राज्यो के अनुसार निम्न नामों से जाना जाता है जैसे:-



dhania ke patte
धनियां के पत्ते


गुजराती-कोथनीर,

मराठी-धनों,

बंगाली-धने,

पंजाबी -धनियां,

तेलगु- धनियालु आदि कहते हैं ।


धनिये के फायदे व गुण (Dhania ke fayde va gun):



धनिया त्रिदोष नाशक होता है । यह दर्द निवारक का काम करता है । इससे लीवर उत्तेजित होता है । यह पित्त शामक होता है । यह मस्तिष्क को बल देने वाला है । पेट के विकारों को दूर करता है । इसके प्रयोग से अर्श में लाभ होता है । पेट की अग्नि को शांत करता है । श्वास की दुर्गन्ध को दूर करता है  । धनियां के उपयोग से गर्मी से होने वाले सिरदर्द मे आराम पहुचता है ।




धनिये के उपयोग (Dhania ke upyog):


1. पेट के रोग में धनियां का उपयोग (dhania ke upyog):


1.1 गर्मी के कारण यदि पेट मे दर्द हो जाये तो धनिये के चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा में 5 ग्राम मिश्री मिलाकर रोगी को  दिन में दो बार खिलाने से पेट दर्द मे आराम मिल जाता है ।


1.2 यदि दस्त के साथ खून आता हो तो एक ग्लास पानी मे 15 ग्राम धनिया भिगो कर कूट लेवे फिर इसको छान कर रोगी को पिला दें । इससे पेट मे ठंडक मिल जाएगी व खून आना बन्द हो कर दस्त में आराम हो जायेगा ।


1.3 पेट मे अफारा हो जाने पर धनिया तेल की दस मिली मात्रा का सेवन करने से अफारा मे आराम मिल जाता है ।


1.4 पेट बहुत अधिक चल जाने पर (अतिसार) 10 ग्राम धनियां भून कर खाने से दस्त तुरंत बंद हो जाते हैं ।


1.5 पेट मे जलन हो तो धनियां की चटनी बनाकर खाने से जलन शांत हो जाती है ।


1.6 एसिड के कारण जलन हो तो आधा कूटा धनिया 20 ग्राम तथा पानी 120 ग्राम को एक मिट्टी के बर्तन मे डाल कर रातभर  पड़ा  रहने  दें। प्रात:काल  इसे छानकर इसमे थोड़ी खांड डाल कर थोड़ा थोड़ा पीना चाहिए ।

2. आंखों में धनियां का उपयोग (dhania ke upyog):


  • आँख दुखती हो या आंखों मे जलन अथवा सूजन हो  तो बीस ग्राम धनिये को कूट कर एक गिलास पानी मे उबालकर छान लें, फिर इसकी एक एक बूंद आंखों मे टपकाने से  आँख दुखना बंद हो जाती है व दर्द व सूजन मे आराम मिल जाता है ।

  • धनिया के पत्ते के रस की एक दो बूंद की मात्रा दिन मे बो बार आंखों मे डालने से  आँख में चेचक दाना नही निकलता है ।

  • आंखों की सूजन काम करने के लिए धनिया के बीज व जौं बराबर मात्रा मे लेकर उसको पीस कर इसकी पुल्टिस आंखों पर बांधते है ।

  • बीस ग्राम धनिया को चार सौ मिली पानी में उबाल कर जब चौथा हिस्सा बाकी रह जाए तो इससे आँखे धोने  आँख की पुरानी सूजन, सफेदी, व चेचक की वजह से आंखों मे होने वाले घाव ठीक हो जाते हैं ।




3. अर्श में धनियां के फायदे - dhania ke fayde:


  • 15 ग्राम धनिया व दस ग्राम मिश्री को एक गिलास पानी मे उबाल कर पीने से खूनी अर्श मे लाभ मिलता है । खून आना बंद हो जाता है ।

  • धनिया, गिलोय व हरड़ तीनो की बराबर मात्रा लेकर  इसको चार गुने पानी मे उबले जब यह चौथा भाग रह जाये तो इसमें गुड़ डाल कर प्रयोग करने से सभी प्रकार के अर्श नष्ट हो जाते हैं ।

4. सिर के रोग में धनियां के प्रयोग (dhania ke prayog):


धनिया व आमला की  बराबर मात्रा रातभर भिगो के रख दे । सुबह इसे घोट कर छान लें । इसमे थोड़ी सी मात्रा मिश्री मिलाकर पिलाने से गर्मी के कारण होने वाला सिर दर्द ठीक हो जाता है ।

5.  धनियां से मूत्र संक्रमण की रोकथाम:


धनिया  व गोक्षुर के फलों की 10 -10 ग्राम मात्रा 400 ग्राम पानी में पकाकर काड़ा बना लें । जब यह चौथा भाग रह जाये तो  इसमें देसी घी मिला कर सुबह शाम बीस बीस ग्राम पिलाने से मूत्र संक्रमण ठीक हो जाता है ।


6. धनियां के गर्भवती स्त्रियों के वमन (vometing) में फायदे:


  • गर्भावस्ता के समय उल्टी होने पर धनिया का 100 ग्राम काड़ा बनाकर इसमे बीस ग्राम चावल की मांड व बीस ग्राम मिश्री मिलाकर थोड़ा थोड़ा पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है ।

  • धनिया, सौंठ, नागरमोथा, मिश्री इन चारो की पांच पांच ग्राम मात्रा  का जल मे क्वाथ बनाकर गर्भवती को पिलाने से वमन तुरन्त बन्द हो जाती है । इस प्रयोग से अगर vometing किसी और करण से भी हो तो वो भी ठीक हो जाती है ।


7. हरे धनिया पत्ती व धनियां के उपयोग - Dhania Patti ke fayde:


  • हरे धनिया का प्रयोग शरीर से बेड  कलेस्ट्रॉल को कम करके गुड कलेस्ट्रॉल को बढ़ता है ।

  • इसमे ऐसे विटामिन होते है जो एल्जाइमर के रोग को खत्म करने मे सक्षम है ।

  • धनिया शुगर के मरीजो के लिए लाभदायक है, यह खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।

  • हरे धनिया मे antiseftic गुण होता है जो मुह के घाव को अतिशीघ्र भरने मे सहायक है ।

  • हरे धनिये के उपयोग से नर्वस सिस्टम नियंत्रित रहता है ।

  • हरा धनिया त्वचा को खुश्क होने से बचाता है, व चेहरे पर ब्लैकहेड्स नही होते हैं ।

  • धनिया के बीस ग्राम पत्तो को पीस कर इसमें थोड़ा स कपूर मिलाकर  इसकी 2 बूंद नाक में डालने से  नकसीर बंद हो जाता है ।

  • गले में दर्द मे आराम के लिए धनिया के बीज की 5 से 10 ग्राम मात्रा को चबाने से गले का दर्द ठीक हो जाता है । इसका उपयोग दिन मे दो बार करना चाहिए ।


धनियां के नुकसान (dhania ke nuksan):


धनियां तासीर का ठंडा होता है । धनिये व इसके बीजों का अत्यधिक मात्रा मे सेवन करने से व्यक्ति की अंदरूनी ताकत कम हो जाती है व दमे के रोगी को नुकसान करता है । इससे इस्त्रियों  का मासिक धर्म  रुक जाता है । धनियां का उपयोग अनेक आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है ।              

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