गन्ने का रस पीने के फायदे एवम् उपयोग व नुकसान

गन्ने का रस पीने के फायदे - Ganne ka ras peene ke fayde


ईख के पौधे से सभी परिचित हैं । इसे गन्ने के नाम से भी जाना जाता है । गन्ना भारत की मुख्य फसलों में से एक है, इसे उष्ण प्रदेशों में उगाया जाता है । इसकी लाल, सफेद, काली आदि अनेक जातियां पाई जाती हैं । गन्ने का तना 6 से 12 फिट ऊंचा गोलाकार, स्थूल, तथा ग्रंथि युक्त होता है । इस लेख में गन्ने का रस पीने के फायदे - ganne ka ras pine ke fayde का वर्णन करने जा रहे हैं ।


गन्ने के रस ganne ke juice में सुक्रोज, राल, वसा, लवाब, व जल होता है। गन्ने में कैलशियम ओगजेलेट पाया जाता है। ईख Poaceae कुल का पौधा है। गन्ने का विज्ञानिक नाम Saccharum officinarum । 

अंग्रेजी में इसे sugarcane के नाम से जाना जाता है। भाषा के अनुसार अलग अलग नामों से जाना जाता है ।


Ganne ka juice
गन्ना


हिंदी        : ईख, गन्ना

संस्कृत     : इक्छू, भुरिरस, असिपत्र

गुजरती    : शेरडी

मराठी।    : अंस

तेलगु       : चेरुकु

फारसी     : नैश्कर


गन्ने के औषधीय गुण:


कच्ची ईख कफ कारक व प्रमेह उत्पन्न करने वाली होती है । आधी पकी ईख मीठी, वात हर, पित्तनशक होती है । पकी हुई ईख बलवर्धक, तथा रक्तपित्त नाशक होती है । गन्ने से निकला गुड मधुर, अग्निजनक, रूचिकारक व पुष्टि वर्धक होता है ।


गन्ने के जूस के घरेलू नुस्खे(Ganne ke juice Gharelu Nuskhe) :


 1. अरुचि में गन्ने के रस पीने के फायदे (ganne ke ras pine ke fayde) :



ईख के रस को आग पर गरम करके एक उफान आने दें । इसे थोड़ा ठंडा कर चीनी मिट्टी या कांच के बर्तन में भरकर रख लें । एक सप्ताह तक रखने के बाद इसे प्रयोग में लाएं । इसकी 1 0 से 20 ग्राम मात्रा पर्याप्त है । यह अरुचि को खतम करता है । यह उत्तम पाचक व स्वादिष्ट होता है ।



2. पीलिया में गन्ने के रस के फायदे (ganne ke juice ke fayde ):


ईख के टुकड़े करके इन्हे रात को बाहर या छत के ऊपर खुले में रख दें । सुबह उठकर कुल्ला करने के बाद इसका रस चूस कर सेवन करें । चर या पांच दिन में अत्यधिक लाभ होगा ।

3. पेट में दर्द में गन्ने के रस के उपयोग (ganne ke ras ke upyog):



गन्ने के रस की 5 किलो ग्राम मात्रा को चिकनी मिट्टी के बर्तन में भर, कर इसका मुंह कपड़े से बंद करके रख दें । एक सप्ताह बीत जाने के बाद इसे छान लें, व किसी बर्तन में भरकर रख दें । 


एक महीने बाद इसके सेवन करना है । इसकी दस ग्राम मात्रा, 2 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर व थोड़ा ग्राम कर पीने से पेट का दर्द तुरंत ठीक हो जाता है ।


4.मूत्र विकार में ईख के उपयोग ( Ikh ke upyog )


  • ईख के ताजे रस को भर पेट पीने से मूत्र खुलकर होता है । इससे मूत्र संबंधी सभी विकार दूर हो जाते हैं ।

  • गन्ने की ताजी जड़ लेकर इसे उबालकर क्वाथ बनाकर पीने से मूत्र की जलन शांत होती है । एवम् मूत्र संबंधित विकार दूर हो जाते हैं ।


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5. जुकाम में गन्ने का रस पीने के फायदे (ganne ka ras pine ke fayde):



ईख का गुड 10 ग्राम व 40 ग्राम दही, मिर्च का चूर्ण 3 ग्राम, तीनों को मिलाकर प्रातः कल लगातार 3 दिन लेने से बिगड़ा हुआ जुकाम व नाक मुंह से दुर्गं आना, गला पक जाना, खांसी युक्त जुकाम खत्म हो जाता है।


6. अन्य रोगों में गन्नेे का रस पीने के फायदे (ganne ke ras pine ke fayde):



1. ईख का पुराना गुड़ अदरक के साथ सेवन करने से कफ का नाश हो जाता है।

2. ईख के रस को नाक में डालने से नकसीर में लाभ होता है ।

3. ईख का ताजा रस के साथ जों के सत्तू का प्रयोग करने से पीलिया रोग में फायदा होता है ।

4. गन्ने के रस को उबाल कर, इसको ठंडा कर सेवन करने से अफरा ठीक हो जाता है ।

5. भोजन करने से पूर्व गन्ने के रस का सेवन करने से पित्त में फायदा होता है ।

6.  गन्ने के रस को शहद में मिला कर सेवन करने से पित्त के कारण होने वाली जलन समाप्त हो जाती है ।

7. गन्ने के गुड़ की पपड़ी खाने से हृदय मजबूत होता है ।

8. गन्ने के रस में आंवला और शहद मिला कर सेवन करने से मूत्र संक्रमण मिटता है ।

9. खाना खाने से पूर्व ईख के रस का सेवन करने से खाना जल्दी पच जाता है।

10. ईख के पुराने गुड़ को सौंठ के साथ पीने से वात संबंधी विकार दूर हो जाते हैं।


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विशेष:


ऊपर बताए नुस्खों के अलावा ईख का रस अनेक रोगों के काम आता है । गन्ने की तासीर ठंडी होने के बाबजूद गन्ने के रस से सिर दर्द , श्वास, रकतिसार, आदि का भी उपचार किया जा सकता है ।

गन्ने का गुड़ पांच ग्राम में अदरक या सौंठ या हरड़  इनमें से किसी एक के 5 ग्राम चूर्ण को मिलाकर, इसकी 10 ग्राम मात्रा सुबह शाम दूध के साथ सेवन करने से खांसी, श्वास, मुंह के रोग, गलरोग, जुकाम, अरुचि, बवासीर, आदि रोगों के विकार दूर हो जाते हैं ।

गन्ने का रस - ganne ka juice पीने से बहुत एनर्जी मिलती है, इसका रस पीने से चुस्ती फुर्ती बनी रहती है ।
धन्यवाद ।

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