अमर बेल के उपयोग - amarbel ke upyog
अमरबेल को आकाश बेल के नाम से भी जाना जाता है । इस लेख में आपको अमर बेल के उपयोग - amarbel ke upyog के बारे में बताने जा रहे हैं । जिससे आप गठिया वात, लिवर के रोग, पेट रोग का उपचार घरेलू नुस्खों से कर सकते है । अमरबेल एक परजीवी दूसरे पेड़ पर आश्रित पौधा है । बेर व करोंदे के पेड़ पर विशेष रूप से फैली रहती है । जिस पौधे पर ये आश्रित रहती है वह पौधा धीरे धीरे सूख जाता है ।
आकाश बल्ली पीली, कोमल व थोड़ी हरी होती है । इसके फल बिना व्रंत के सफेद रंग के होते हैं । आकाश बेल के फल उरद के आकर के होते हैं । अमर बेल आंखों के रोगो का नाश करती है । हृदये के लिए लाभदायक, पित्त कफ व आमवत नाशक होती है । आकाश बल्ली बलकराक भी होती है । इसका वैज्ञानिक cuscuta reflexa Roxb. नाम है ।
यह भी जाने: जीरा के गुण, उपयोग व औषधीय फायदे ( Benefit of Cumin)
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अमरबेल |
आकाश बल्ली पीली, कोमल व थोड़ी हरी होती है । इसके फल बिना व्रंत के सफेद रंग के होते हैं । आकाश बेल के फल उरद के आकर के होते हैं । अमर बेल आंखों के रोगो का नाश करती है । हृदये के लिए लाभदायक, पित्त कफ व आमवत नाशक होती है । आकाश बल्ली बलकराक भी होती है । इसका वैज्ञानिक cuscuta reflexa Roxb. नाम है ।
यह भी जाने: जीरा के गुण, उपयोग व औषधीय फायदे ( Benefit of Cumin)
इसको अलग अलग भाषा में निम्न नामो से जाना जाता है ।
हिंदी - अमरबेल, आकाश बेल
संस्कृत - आकाश बल्ली
मराठी - निर्मुली
बंगाली - आलोक लता, स्वर्ण लता
गुजरती - अकास बेल
तेलगु - नुलू तेगा
अमर बेल के उपयोग - amarbel ke upyog
गठिया बाई की दवाई (gathiya bai ki dawai ):
आकाश बेल का बफारा देने से गठिया वात का दर्द व सूजन तुरंत दूर हो जाती है । इसके बाद इसी पानी से नहा कर शरीर को तौलिए से अच्छी तरह से पौंछ लें, तथा घी का थोड़ा अधिक सेवन करें।
2. पेट के रोग में अमर बेल के फायदे -amar bael ke fayde
2. पेट के रोग में अमर बेल के फायदे -amar bael ke fayde
- आकाश बेल का 1/२ किलो स्वरस निकालकर इसका सुबह शाम सेवन करने से वात रोग व पेट के दर्द में आराम मिल जाता है । आकाश बेल अगर सूखी अवस्था में हो तो आकाश बेल का चूर्ण 1 ग्राम व मिश्री 1 किलो दोनों को मिलाकर मंद आग पर पकाएं व इसका शर्बत तैयार कर लें । इसकी 2 ग्राम मात्रा में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर सुबह शाम पिया जा सकता है।
- आकाश बेल को उबालकर पेट पर बांधने से डकारें आना बंद हो जाती हैं ।
3. अमर बेल के लिवर में उपयोग - amarbel ke upyog
- 5 से 10 मिली ग्राम अमरबेल का स्वरस सेवन करने से यकृत वृद्धि के कारण हुई कब्ज व ज्वर में फायदा करता है ।
- अमरबेल का काढ़ा 40 से 50 ग्राम पीने से यकृत वृद्धि में लाभ मिलता है ।
4. बालों के रोग में आकाश बेल के लाभ - aakash bael ke labh
- 50 ग्राम अमर बेल को कूट कर 1 किलो पानी में पकाकर इससे बाल धोने से बाल नहीं झड़ते हैं, रूसी नहीं होती है, बाल चमकदार व सुंदर होते हैं ।
- आकाश बेल को तिल के तेल के साथ पीस कर सिर में लगाने से बालों की जड़े मजबूत होती हैं व गंजापन दूर होता है ।
5. अमर बेल के अर्श में उपयोग - amarbel ke upyog
अमर बेल के स्वरस की 10 ग्राम मात्रा में कालीमिर्च का चूर्ण 5 ग्राम मिलाकर इसे अच्छी तरह से घोट कर रोज सुबह पिलाने से 2 से 3 दिन में खूनी व बादी दोनों तरह की बवासीर ठीक हो जाती है । अमर बेल के उपयोग से पेट भी साफ़ हो जाता है शरीर के अन्य अंगों की सूजन भी उतार जाती है ।
विशेष:
इस लेख में हमने आप को अमर बेल के औषधीय एवम् घरेलू उपयोग - amarbel ke upyog तथा अमर बेल के फायदे - amarbail ke fayde के बारे में वर्णन किया है, इसके अलावा आकाश बेल के और भी उपयोग हैं । यह मस्तिष्क के विकारों में भी फायदा करता है । अमर बेल के स्वरस के दस से 20 ग्राम मात्रा को प्रातः जल के साथ सेवन करने से मस्तिष्क विकार में लाभ होता है ।
आकाश बेल बालवर्धक भी होती है । इसके लिए 10 ग्राम अमर बेल को कुचल कर साफ़ बारीक कपड़े में बांध कर आधा किलो गाय के दूध में लटका कर हलकी आग पर पकने दें । जब दूध 2/3 रह जाये तो ठंडा करके इसमें मिश्री मिलाकर पीने से कमजोरी दूर हो जाती है । इस समय ब्रह्मचर्य से रहना आवश्यक है । अमर बेल का लेप खुजली वाले स्थान पर करने से खुजली दूर हो जाती है । अमर बेल का उपयोग - amarbel ke upyog से कमजोरी में अत्यधिक फायदे होते है ।
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