पलाश के औषधीय उपयोग - plash tree uses in hindiइस लेख में आपको पलाश (टेसू) के पेड़ के उपयोग ( palash tree uses in hindi) एवम् टेसू का होली में महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। वसंत ऋतु की आभा बिना टेशू के फूल के पूरी नहीं होती है । फाल्गुन पूर्णिमा आते-आते पलाश के फूल पूरी तरह पक जाते हैं । |
इस टेसू को केसू, पलाश व ढाक कहा जाता है। इन दिनों पलाश के पेड़ ( palash ka ped) की डालियों पर पत्तियां व फल नहीं होते हैं । बल्कि केवल फूल ही फूल दिखते हैं । पलााश के फूल के औषधीय उपयोग बहुत से होते हैैं, यह तोता चोंच की तरह दिखने वाले फूल का आकार होने के कारण इसे किंशुक नाम से भी जाना जाता है।इनका रंग केसरी लाल, और बनावट दीपक की ज्योति की तरह ही होती है।
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पलाश के फूल |
टेशु का होली में महत्व - teshu ke phool for holi
पुराने समय में इन्हीं पलाश के फूलों के रंगों से होली होती थी । होली पर इसके फूलों के रंगों का बड़ा महत्व रहा है। आज भी कुछ लोग त्वचा का नुकसान की जगह लाभ पहुंचाने वाले टेसू के फूूल ( teshu ke phool ) का रंग निकालकर होली खेलते हैं। बृज में आज भी इसके पलाश के फूलों के रंग से होली खेली जाती है।
होली के त्योहार में प्राकृतिक रंग बनाने में उपयोग किए जाने वाले केसू के फूल (kesu ke phool ) कुछ दिन तक अपनी रंगत को बिखेरने के बाद झड़ना शुरू हो जाते हैं । होली के त्योहार पर बाजार में रासायनिक रंगों की अधिकता होने से लोगो ने टेसू के फूलों को भूला दिया है।
पलाश के पेड़ के उपयोग - palash tree uses in hindi
टेसू के औषधीय उपयोग बहुत से है । प्राचीन काल से ही इसका उपयोग दिव्य औषधि के रूप में किया जाता है । पलाश के पेड़ पर फरवरी से मई तक फूल आते हैं व इसका फलकाल मई से जून तक होता है । टेसू को पलाश, किंशुक, रक्त पुष्पक, ढाक, प्लासू आदि नामों से जाना जाता है ।
इसके पत्तों का उपयोग दोना पत्तल बनाने के लिए किया जाता है । पलाश के फूल का अतिसार, प्रमेह, अर्श, रक्तपित्त कुष्ठ आदि रोगों में औषधीय उपयोग होता है । पलाश के फूल मुत्रल, रक्तस्तंभक, दाह शामक, व स्तंभक होते हैं ।
1. नेत्र रोग में पलाश के फायदे (palash ke Fayde) :
टेसू की जड़ (ताजी) का अर्क निकाल कर आंखो में डालने से रतोंधी, फूली, मतियाबिंद आदि रोग ठीक होते हैं ।
2. किडनी के रोग में टेशु के फूल का उपयोग ( tesu flower in hindi):
- पलाश की जड़ का रस निकाल कर इसमें थोड़ी सी गेंहू भिगो कर तीन दिन के लिए रख दें । फिर इन दोनों को पीस कर हलुआ बना कर खाने से प्रमेह, शीघ्र पतन, व कमजोरी दूर होती है ।
- प्रमेह - पलाश की कोपलों को तोड़कर धूप में सुखा लें, फिर इसको कूट - छान कर इसकी 8 से 9 ग्राम मात्रा को सुबह के समय सेवन करने से प्रमेह में लाभ होता है ।
- टेशू के सूखी हुई कोपल, गोंद, छाल, तथा फूलों को मिलाकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर, इस चूर्ण की 2 से 4 ग्राम मात्रा को शाम को दूध के साथ सेवन करने से मूत्र खुल कर होने लगता है । मूत्र होने पर परेशानी नहीं होती है ।
- 20 ग्राम पलाश के फूलों को 200 ग्राम ठंडे पानी में रात भर के लिए भीगा रहने दें, इसमें सुबह थोड़ी मिश्री मिलाकर पिलाने से गुर्दे का दर्द व पेशाब में खून आना बंद हो जाता है ।
3. त्वचा रोग में केशु के फायदे (tesu ke phool benefits in hindi) :
- दाद - पलाश के बीजों को नींबू के रस के साथ पीस कर संक्रमित स्थान पर लगाने से दाद व खुजली का नाश होता है ।
- घाव - पलाश की गोंद का चूर्ण घावों पर छिड़कने से घाव तुरंत भर जाते हैं ।
- कुष्ठ - पलाश के बीज का तेल लगाने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है । दूध में उबल हुए पलाश के बीज, रस कपूर, तथा गंधक व चित्रक की शुष्क करके इसका चूर्ण बनाकर इसके 2 ग्राम मात्रा एक महीने तक प्रतिदिन लेने से मंडल कुष्ठ में फायदा होता है ।
4. पेट रोग में टेसू के पेड़ के उपयोग (palash tree uses in hindi )
- अफरा - पलाश की छाल व सौंठ का काढा बनाकर इसकी 30 से 40 मिली ग्राम मात्रा दिन में दो बार पीने से पर दर्द व अफारे में फायदा होता है । पलाश के पत्ते का क्वाथ बनाकर इसकी 30 से 40 मिली. मात्रा पिलाने से भी अफरा व पेट दर्द में लाभ मिलता है ।
- मंदाग्नि - टेसू की ताजी जड़ का अर्क निकाल कर इस अर्क की 4 से 5 बूंदे पान के पत्ते पर रख कर खाने से भूख तेज हो जाती है ।
- उदर कृमि-पलाश के बीज चूर्ण की एक चम्मच मात्रा दिन में दो बार सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं ।
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5. बाजीकरण में टेशू के लाभ - (Palash flower Benefits in Hindi):
- पलाश बीज चूर्ण 2 से 4 ग्राम मात्रा तथा बराबर मात्र में घी, आंवला चूर्ण, शर्करा बराबर मात्रा में में रात को सोने से पहले खाने से बल की वृद्धि होती है ।
- पलाश के पांचों अंगो का चूर्ण चाय में शुष्क किया हुआ, शहद व एलोवेरा के साथ मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से निरोगी, बलशाली, व दीघायू होता है।
- पलाश की काद के अर्क की 5 से 6 बूंद मात्रा दिन में दो बार सेवन करने से काम शक्ति प्रबल होती है ।
- पलाश (टेसू) बीज के तेल की 2 से 4 बूंद को इंद्री पर लगाने से नपुंसकता समाप्त हो जाती है।
विशेष:
पलाश के पेड़ के उपयोग- palash tree uses in hindi का वर्णन किया गया है, इस लेख का मूल उद्देश्य लोगो को आर्युवेद के प्रति जागरूक करना है । किसी भी गंभीर रोग में पलाश का उपयोग किसी चिकित्सक की सलाह लेकर ही करें ।
धन्यवाद ।