हाई ब्लड प्रेशर कम करने के उपाय एवं सावधानियां

उच्च रक्तचाप के उपाय - high bp ayurvedic treatment in hindi


उच्च रक्त चाप को हाइपरटेंशन भी कहते हैं । आम बोलचाल की भाषा में लोग है हाई ब्लड प्रेशर के नाम से जानते हैं। इस रोग के लक्षण बाहर से कुछ विशेष नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन यह एक जानलेवा बीमारी है । जब रक्तचाप बिगड़ता है तो ये शरीर पर खतरनाक असर छोड़ता है ।

  
पहले रक्तचाप की समस्या उम्रदार लोगो को होती थी, लेकिन आजकल के खान पान व गलत जीवन शेली के कारण यह रोग काम उम्र के लोगों को भी होने लगा है ।

भारत में हर तीन व्यक्ति में से एक व्यक्ति उच्च रक्तचाप( high blood pressure in hindi ) से पीड़ित रहता है । इसमें से 2/3 लोगो की उम्र 60 वर्ष से कम होती है ।


उच्च रक्तचाप
Blood pressure


इस समय करोड़ों लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं । इनमे से आधे लोग यह नहीं जानते कि उन्हें रक्तचाप की समस्या है । जिन लोगो को मालूम है वह चिकित्सा ही नहीं करवाते हैं ।

आर्युवेद से उच्च रक्तचाप को अच्छे ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है । व्यक्ति का रक्तचाप दैनिक क्रियाओं से प्रभावित होता है । जिन व्यक्तियों का रक्त चाप 120/139mm Hg होता है इसी स्थति को प्री हाईपरटेंशन कहा जाता है, जब रक्त चप 140/90 mm Hg होता है । ऐसी स्थति को हाईपरटेंशन के नाम से जाना जाता है । हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है ।


कुछ मामलों में प्राइमरी उच्च रक्तचाप होने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाता है क्यों कि 90 प्रतिशत रोगियों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं । जबकि सेकेंडरी हिपर्टेशन किसी रोग या बीमारी की वजह से हो सकता है । कुछ रोगियों में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं ।

उच्च रक्तचाप के लक्षण और सावधानियां (bp high hone ke lakshan):


चक्कर आना, सिरदर्द होना, उल्टी होना, भ्रम की स्थिति में रहना, दिखाई कम देना आदि अनेक तरह की परेशानी हो सकती हैं । अगर उच्च रक्तचाप का रोगी इलाज ठीक से न करवाएं तो बड़े हुए रक्तचाप से दिल, मस्तिष्क, गुर्दे, व आंखों पर विशेष रूप से असर होता है ।

1. लकवा (stroke)

2. हृदय घात (heart attack)

3. गुर्दे खराब होना ( Kidney failure)

4.अंधापन (Blindness)

5. दिमाग की नस फटना (Haemorrhage)


1. उच्च रक्तचाप से उपाय  (high blood pressure ke upay):


किसी व्यक्ति को उच्च रक्त चाप की श्रेणी में तब रखा जाता है जब बीपी 140/90mmHg से अधिक हो । व लगतार कुछ दिन तक रहता हो । जब बीपी इससे कम हो तो खान पन में बदलाव करके इसे कम किया जा सकता है । रोगी को समय समय पर रक्तचाप की जांच करवाते रहना चाहिए, तथा बिना चिकित्सक की सलाह के दावा का सेवन नहीं करना चाहिए ।

उच्च रक्त चाप ( high blood pressure in hindi) के रोगी नियमित रूप से योग व व्यायाम करें तो काफी हद तक इससे छुटकारा पाया जा सकता है । इसके लिए प्राणायाम, आसान, और ध्यान करना चाहिए । नित्य गायत्री मंत्र का जाप करने से भी लाभ होता है ।

संतुलित मात्रा में आहार का सेवन करें, फल व सब्जियों का सेवन मौसम के अनुसार करें । तीनो  समय का कहना जल्दी व निश्चित समय पर करें । जहां तक हो नींद पूरी लें । खुश रहना व हस्ट रहना उच्च रक्त चाप वालों के लिए बहुत ही फायदेमंद है ।
 
high bp ke lakshan
High Bp


2. हाई बीपी में क्या नहीं खाना चाहिए और सावधानियां:


1. खाने में कम नमक का प्रयोग करें ।

2. धूम्रपान व शराब का सेवन न करें ।

3. अपने वजन को नियंत्रित रखें ।

4. वसायुक्त आहार के सेवन से बचें ।

5. मोबाइल फोन का प्रयोग कम करें ।

6. तनाव से दूर रहें ।

7. लौकी के जूस का सेवन करें ।

8. अचार, पापड़, तले पदार्थ,आदि के सेवन से बचे ।

9.  सुबह शाम हल्का व्यायाम करें ।

10. नॉनवेज का सेवन कम करें । मछली का सेवन किया जा सकता है ।


3. उच्च रक्तचाप की आयुर्वेदिक औषधि (ayurvedic treatment for high blood pressure in hindi):


उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए बाजार में आयुर्वेदिक औषधि उपलब्ध हैं, जैसे- मुक्ता वटी, मेधा वटी, अर्जुनारिष्ट, आदि । किन्तु किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन चिकित्सक के परामर्श लेने के बाद ही करें ।

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4. उच्च रक्तचाप का देसी नुस्खा (Uchch raktchap ka desi nuskha):


उच्च रक्तचाप में अर्जुन की छाल का चूर्ण बहुत ही फायदे मंद होता है । अर्जुन की छाल के चूर्ण का हलुआ बनाकर सेवन करने से उच्च रक्त चाप नियंत्रित रहता है तथा इससे दिल की बड़ी हुई धड़कन भी कम होती है । अर्जुन की छाल के चूर्ण की चुटकी भर मात्रा जीभ पर रख लेने से भी रक्तचाप में आराम मिलता है ।

इस लेख में उच्च रक्तचाप के लक्षण ( high bp symptoms in hindi) व इसके उपचार और सावधानिया का वर्णन किया गया है । उम्मीद करते हैं आप को यह लेख पसंद आया होगा ।

धन्यवाद ।