अमलतास के 12 फायदे | amaltas tree benefit in hindi

अमलतास के फायदे - amaltas tree benefit in hindi


अमलतास का पेड़ - पूरे भरत में पाया जाता है । इसका पेड़ माध्यम आकर का होता है । मार्च अप्रैल में अमलतास के पेड़ की पत्तिया झड़ जाती है, उसके बाद नई पत्तियां व पीले रंग के फूल निकलते है फिर फली बनती है । फली के अंदर का भाग कोष्ट में विभक्त रहता है । अमलतास की फली से दो फिट तक लंबी होती है ।

Amaltas ke fayde
अमलतास के फूल

अमलतास के फूल - amaltas ke phool चमकीले पीले रंग के गुच्छों में नीचे की और लटके रहते है । इस लेख में अमलतास के फायदे - amaltas tree benefit in hindi के बारे में बताने जा रहे हैं ।

अमलतास के फायदे - amaltas ke fayde


अमलतास - amaltas स्वाद में मीठा, भारी व अमलतास की तासीर ठंडी होती है । यह अनेक रोगो जैसे ज्वर, वात, रक्तपित्त, हृदय रोग, और शूल में फायदा करता है ।

अमलतास की फली ( aamatas ki fali), रूचिकारक, पित्त और कफ नाशक, कुष्ठ नाशक होते हैं, अमलतास के पत्ते (amaltas ke patte) भी अनेक रोगों में फायदे करते हैं, यह कफ का नाश करते हैं । 

अमलतास के फूल (amaltas ke phool) कड़वे, कसैले, तासीर में ठंडे, वात वर्धक, कफ पित्त को हरने वाले होते हैं । अमलतास की फली ( amaltas ki fali ) की माज्जा जठराग्नि को बढ़ाने वाली वात पित्त को हरने वाली होती है । अमलतास की जड़ (amaltas ki jad) दाद, चर्म रोग, छुए, गंडमाला आदि का नाश करती है ।



अमलतास का वैज्ञानिक नाम Cassia fistula L.होता है । इसे Indian Laburnum, puddin pipe tree, Purging cassia. आदि नामों से जाना जाता है । इसे विभिन्न भाषाओं में निम्न नामों से जाना जाता है ।

हिंदी - अमलतास, धनबहेडा

संस्कृत - राज वृक्ष, हेमपुष्प नृपद्रम,

मराठी - बाहव

गुजराती - गरमालो

पंजाबी - गिर्दनली, अमलतास

बंगाली - सोनालू

तेलगु - रेलचट्ट

कन्नड़ - कक्कमेर

असमी - सोनास

आदि नामों से जाना जाता है ।


अमलतास के फायदे - amaltas ke fayde


1. खांसी में अमलतास की फली के फायदे (amaltas ki fali ke fayde )


  • अमलतास की गिरी 5 से 10 ग्राम को पानी में पीस लें फिर इसका तीन गुना बूरा मिलालें, फिर इसकी चासनी बनाकर चाटने से सूखी खांसी में आराम मिलता है ।
  • अमलतास का 20 ग्राम खाने से खुस्क खांसी तर हो जाती है ।

2. श्वास रोग में अमलतास ( uses of amaltas in hindi)


अमलतास की फली की मज्जा का क्वाथ बनाकर 40 से 50 ग्राम पिलाने से स्वास की रुकावट में आराम मिलता है ।

3. टॉन्सिल में अमलतास की जड़ फायदे (amaltas ki jad ke fayde)


कफ के कारण टॉन्सिल हो जाए और पानी निगलने से भी दर्द होता हो तो अमलतास की जड़ की छल को थोड़े से जल को पकाकर इस का बूंद बूंद करके मुंह में डालने से टॉन्सिल ठीक हो जाते हैं ।


4. उदर्वात में अमलतास की फली के फायदे ( amaltas ki fali ke fayde )


अगर छ: से बारह वर्ष के बच्चे जलन तथा उदर्वात से पीड़ित हो तो अमलतास की फली की मज्जा के दो नग मुनक्का के साथ देने से उदरवात में फायदा होता है । अमलतास के दो से तीन पत्ते नमक व मिर्च मिलकर खाने से उदर की शुद्धि हो जाती है ।

5. पित्त में अमलतास के उपयोग (amaltas ke upyog in hindi )


  • अमलतास के फल के गूदे का काढ़ा बनाकर कड़े की 40 से 80 ग्राम मात्रा में 5 से दस ग्राम इमली का गूदा मिलकर प्रातः काल पीने से पित्त का असर समाप्त होता है । अगर रोगी को कफ भी अधिक होती हो तो इसमें थोड़ा सा निशीथ का चूर्ण भी मिलाएं ।
  • बेल के कवाथ के साथ अमलतास की मज्जा का कल्क मिलाकर, इसमें थोड़ा सा नमक एवम् शहद मिलाकर देने से पित्त में फायदा होता है । इसकी 10 से 20 ग्राम मात्रा से अधिक नहीं पीना चाहिए ।

6. मुखपाक में अमतास की फली के फायदे ( amaltas ki fali ke fayde)


अमलतास के फल की मंजा को धनिएं के साथ पीस कर इसमें थोड़ा सा कत्था मिलकर इसको मुंह में रखने से मुंह पाक ठीक हो जाता है ।

7. पक्ष्घात में अमलतास के उपयोग ( amaltas ke upyog )


  • अमलतास के पत्ते का स्वरस पक्ष्घात से पीड़ित स्थान पर लगा कर मालिश करने से फायदा होता है ।
  • वात नलिकाओं से हुए आघात से उत्पन्न पक्ष्घात अमलतास के पत्ते का स्वरस पीने से ठीक हो जाता है।
  • इसके पाते ग्राम करके पश्चात वाले स्तान पर पुल्टिस बनाकर बांधने से फायदा होता है ।

8. पीलिया में अमलतास के बीज के फायदे ( amaltas ke beej ke fayde)


अमलतास के बीज व बराबर मात्रा में गन्ने का रस या आमले का रस मिलाकर पीने से कामला के मरीजों को फायदा होता है ।

9. बालो में अमलतास के फायदे (Balo men amaltas ke Fayde)


यदि आप बालो और गंजेपन की बीमारी से जूझ रहे है, तो आप अमलतास की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं । अमलतास की पत्तियों की राख बनाकर इसको बकरी के दूध के साथ मिलाकर बालों पर लगाने से गंजेपन, दोमुहे बालों की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है ।

10.बवासीर में अमलतास के उपयोग (Bavaseer me amaltas ke upyog)


बवासीर के रोग में अमलतास बहुत ही फायदेमंद होता है। अमलतास के फलो का गूदा, मनुक्का और हरड इन तीनों को मिलाकर उबाल लें और रात को सोने से पहले इस काढ़े को पिने से बवासीर के रोग ठीक करने में सहायता करता है।


11. ज्वर में अमलतास के पेड़ के फायदे (amaltas tree benefits in hindi )


अमलतास पेड़ की जड़ का उपयोग बुखार को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। अमलतास की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से या इससे बनने वाली दारू का सेवन करने से बुखार को कम किया जाता है।

12. कब्ज में अमलतास के उपयोग (amaltas ke upyog )


अमलतास के पुष्पों का गुलकंद कब्ज को ठीक करता है । यह आंत रोग, सूक्ष्म ज्वर व कोषतबद्धता में फायदा करता है ।

13. सुख प्रसव में अमलतास की फली के फायदे ( amaltas ki fali ke fayde )


अमलतास की फली के 4 से 5 नग के 25 ग्राम छिलके उबालकर इसमें शक्कर डालकर ग्रभ्वती स्त्री को सुबह शाम पिलाने से बच्चा सुख से पैदा होता है ।

14. आमवात एवम् बात रक्त में अमलतास के उपयोग ( amaltas ke upyog )


  • आर्गवाद अर्थात अमलतास के दो से तीन पत्ते सरसों के तेल में भूनकर शाम को भोजन के साथ खाने से आम वात में फायदा होता है ।
  • पांच से दस ग्राम अमलतास की जड़ को एक पाव दूध में उबालकर पिलाने से वात रक्त में फायदा होता है ।

15. कुष्ठ रोग में अमलतास के लाभ (amaltas ke labh )


  • अमलतास की जड़ का लेप बनाकर, कुष्ठ रोग के कारण विकृत त्वचा, पर लगाने से पुरानी त्वचा वर्ण स्थान से हटाकर त्वचा को प्लेन के देता है ।
  • अमलतास की 15 से 20 पत्ती का लेप त्वचा पर लगाने से कुष्ठ रोग का सफाया हो जाता है । इससे कुष्ठ तथा दूसरे चर्म रोग ठीक हो जाते हैं ।

16. दाद में अमातास के उपयोग (daad men amaltas ke upyog )


  • अमलतास के पांचों अंग फूल, फल, पत्ती, जड़, बीज, को पीस कर दाद, खुजली और दूसरे चर्म रोग पर लगाने से आश्चर्य जनक लाभ होता है ।
  • अमलतास की 10 से 15 ग्राम जड़ को दूध में उबालकर फिर पीसकर, लेप बनाकर संक्रमित स्थान पर लगाने से दाद तथा दर्द में फायदा होता है ।

17. रक्तपित्त में अमलतास की फली के फायदे ( amaltas fali ke fayde)


अमलतास के फल की माज्जा की 25 से 50 ग्राम की मात्रा में 20 ग्राम शहद या शक्कर मिलाकर सुबह शा देने से रक्त पित्त में लाभ होता है ।

18. वर्ण(घाव) में अमलतास के लाभ ( amaltas ke labh )


अमलतास के पत्ते के साथ चमेली व कृंज के पत्ते को गो मूत्र के साथ पीस कर लेप करने से वर्ण, अर्श, और के वर्ण समाप्त हो जाते हैं ।


19. फुंसी में अमलतास के उपयोग (amaltas tree benefits in hindi )


अमलतास के कुछ पत्ते लेकर इसे गाय के दूध के साथ पीस कर नजात शिशु की फुंसी पर लगाने से छले तथा फुंसी में लाभ होता है ।

अमलतास के नुकसान (amaltas ke nuksan)


अमलतास का पेड़ औषधिये गुणों से भरपूर होता है। इसके द्वारा विभिन्न प्रकार की स्वास्थ संबंधित समस्याओं के इलाज किया जाता है । अमलतास के पेड़ का उपयोग करने से पहले इसके नुकसान के बारे में जानकारी अवश्य ले ।

आमतौर से अमलतास का उपयोग करने से कोई नुकसान नहीं होता है। परन्तु कभी कभी इससे कुछ नुकसान भी हो जाते हैं जो कि निम्नलिखित है।


१. अमलतास का अत्यधिक मात्रा में से सेवन करने से उल्टी और चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।

२. गर्भवस्था में अमलतास का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योकि इससे गर्भधारण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

३. अमलतास का बच्चो को सेवन करने से पहले किसी चिकित्सक से सलाह अवश्य ले।

आशा करते हैं अमलतास पर लिखा लेख आपको अवश्य पसंद आया होगा, इस लेख में अमलतास के फायदे ( amaltas tree benefits in hindi) का वर्णन किया गया है, इसका का मूल उद्देश्य लोगों को आयुर्वेद की प्रति जागरूक करना है । किसी भी गंभीर रोग में इसका उपयोग करने से पूर्व किसी चिकित्सक की सलाह अवश्य लें लेवें । 
धन्यवाद ।