हरसिंगार से गठिया का रामबाण इलाज और 12 फायदे

हरसिंगार-पारिजात के फायदे एवम् उपयोग

इसे हरसिंगार के भी नाम से जाना जाता है । इसके फूल अत्यन्त सुगंधित और आकर्षक होते हैं । हरसिंगार से गठिया का इलाज - harsingar se gathiya ka ilaj किया जाता है । मां दुर्गा और भगवान विष्‍णु की आराधना में चढ़ाया जाता हैं । हरसिंगार-पारिजात को एक शुभ पेड़ माना गया है । धार्मिक महत्व के अतिरिक्त यह औषधीय गुणों का भंडार भी है।

हरसिंगार के प्रयोग से पाचन, पेट के कीड़े की, मूत्ररोग, लिवर विकार सहित अन्य कई रोगों रोगों का उपचार किया जा सकता हैं ।


हरसिंगार के पत्ते
Parijat ke patte


पारिजात को बनस्पतियो में सबसे छारिए वस्तु माना जाता है । हरसिंगार को अम्लता व हड्डियों के दर्द की रामबाण औषधि माना जाता है । इस लिए हरसिंगार को गठिया के इलाज में उपयोग किया जाता है । पारिजात के फूल, पत्ते और छाल के फायदे अनेक प्रकार के होते है । इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके कोई साईडइफेक्ट नहीं हैं ।


लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि पारिजात के फायदे बहुत से हैं । इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग कई प्रकार की औषधियों में होता है । माना जाता है कि पारिजात के पेड़ को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान दूर हो जाती है ।

हरसिंगार का वृक्ष गठिया रोग के अलवा कई रोगों के उपचार के काम आता है । आयुर्वेद में हरसिंगार के पौधे को एक उत्तम औषधि माना जाता है । इसका उपयोग अनेक बीमारियों, जैसे - गठिया, फ्रैक्चर, मलेरिया बुखार, डेंगू, सूखी खांसी, डायबिटीज, साइटिका, त्वचा रोग, बवासीर आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है ।

पारिजात ‍का वनस्पतिक नाम -‍ निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस है, यह ओलिऐसी कुल का पौध स्‍कृत नाम - पारिजात, शेफाली, शेफालिका है और इसके  सामान्‍य नाम - हरसिंगार, पारिजात, रात की रानी, दुखों का पेड़, नाइट जैस मीन, कोरल जैसमीन, शिउली हैं । उर्दू में इसे गुलज़ाफ़री कहते हैं।

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हरसिंगार की पहचान


पारिजात का पेड़ 10-15 फीट ऊंचाई का होता है । कभी कभी इसकी ऊँचाई पच्चीस से तीस फीट तक भी होती है । इसके फूल गुच्छों में लगते हैं । ये मध्य भारत और  उत्तर भारत की तराई में अधिक पाया जाता है ।


कभी कभी लोग भ्रमित हो जाते है कि हरसिंगार और पारिजात में क्या अंतर है, वास्तव में यह एक ही चीज के नाम हैं । हरसिंगार और पारिजात एक ही हैं ।


पारिजात के फूल आकर्षक, सुंदर और सुगंधित होते हैं । इसके फूल सुबह रात को खिलते है और सुबह जलदी ही गिर जाते हैं । इसका तना हल्का पीला रंग लिए होता है । हरसिंगार के पत्ते की पहचान यह है कि यह किनारों से अरी जैसी कटिंग होती है, कुछ पत्तियां बिना कटी भी हो सकती है ।

हरसिंगार के औषधीय गुण


हरश्रृंगार औषधीय गुणों का खजाना है । साइटिका के रोग के उपचार में हरसिंगार को सबसे अच्छी औषधि माना जाता है। हड्डियों व जोड़ों के दर्द की उत्तम औषधि है । यह बवासीर रोग के इलाज के काम भी आती है । इसके फूल हृदय के लिए भी अच्छे माने जाते हैं ।


पारिजात की पत्तियों को पीस कर शहद के साथ उपयोग करने से सूखी खाँसी ठीक हो जाती है । हरश्रृंगार की पत्तियों को पीसकर स्किन पर लगाने से त्वचा संबंधित रोग ठीक होते हैं । हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीने से गठिया का इलाज किया जाता है ।


पारिजात के पत्ते - parijat leaves से बने हर्बल तेल का भी त्वचा रोगों में प्रयोग किया जाता है । पारिजात की कोमल कोपलों में पाँच कालीमिर्च के साथ मिलकर अगर महिलाएं सेवन करें तो महिलाओं के स्त्री रोग में फायदा मिलता है । इसकी पत्तियों का जूस बुखार को ठीक कर देता है । हरसिंगार के पत्ते तथा छाल का उपयोग अधिकतर किया जाता है ।

हरसिंगार के एंटी-ऑक्सीडेंट, सूजन-रोधी और जीवाणुरोधी गुण के कारण यह हमारे लिए उपयोगी माना जाता है। हरसिंगार या पारिजात के फायदो के बारे में नीचे वर्णन किया जा रहा है ।

पारिजात के फायदे - parijat ke fayde 


पारिजात के पेड़ के फूल, पत्ती एवम् तने के उपयोग विभिन्न हैं ।

१. पारिजात ( हरसिंगार ) के फूल के उपयोग 


हरसिंगार के फूल सफेद-नारंगी रंग के खुशबूदार फूल होते है। जो सुगंधित होने के साथ अपने औषधीय गुणो के लिए मशहूर हैं । यह पेट से जुड़ी समस्यों जैसे गैस, अपच, अफारा आदि को कम करने में सहायता करते हैं। साथ ही लीवर द्वारा अतिरिक्त पित्त स्राव को भी कम करते हैं । इनका उपयोग खांसी के उपचार में भी किया जाता है।

२. हरसिंगार का पत्ता के फायदे - harsingar ke patte ke fayde


आयुर्वेद में पारिजात की पत्तियों का उपयोग पुराना गठिया के इलाज तथा बुखार, खांसी, साइटिका, संधिशोथ, कब्ज आदि जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। पत्तियों का रस स्वाद में कड़वापन लिए होता है । हरश्रृंगार की पत्तियां ज्वर, हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज में उपयोगी है।


इसकी पत्तियों का रस का प्रयोग खांसी के उपचार में किया जाता है। शहद के साथ हरसिंगार की पत्तियों के रस का सेवन  दिन में तीन बार करने से फायदा मिलता है। पारिजात की पत्तियां का रस आंतों के रोगों के लिए मिश्री के साथ दिया जाता है।

३. हरसिंगार की छाल के उपयोग


पारिजात के तने की छाल के चूर्ण से आर्थराइटिस, जोड़ो के दर्द और मलेरिया के उपचार में किया जाता है। इसका  चूर्ण मलेरिया के बुखार को ठीक करने के लिए बहुत उपयोगी  है। 

हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा बनाने की विधि :

सामग्री :

1. 100 ग्राम हरसिंगार फूल और पत्ते 

2. 4 ग्राम चूना (पान वाला वाला चूना)

3.  1 लीटर पानी

4. एक नींबू का रस

5. गुड़ अथवा सहद

विधी-

>पारिजात के पत्ते और फूल लेकर उसे धो कर सूखा लें।

>फिर इन्हें खरल में अच्छे से कूट कर चटनी बनाएं, इस चटनी की एक चम्मच मात्रा को 400 मिली पानी में पकाएं, जब पक कर यह 100 मिली रह जाए तो इसे ठंडा होने के बाद छान कर पी सकते है । ध्यान रहे कि पारिजात के फूल ज्यादा मात्रा में न लेवे, 6 पत्ती के साथ 2 फूल पर्याप्त हैं ।

>अगर आप पारिजात का काढ़ा ज्यादा समय पीने के लिए बनाना चाहते है तो पत्ते व फूल की ज्यादा मात्रा में चटनी बनाए, कूटने के बाद इसे एक बार धूप में सूखा लें ताकि आप इसे कुछ समय के लिए रख सकें। फिर इसे कूट कर चूर्ण बनाए । 

>अब आप, जब भी काढ़ा बनाना चाहेगे इस चूर्ण को लेकर गर्म पानी में डालकर उबाल कर काढ़ा बना सकते है ।

फिर छानकर काढ़ा निकाल लें। फिर थोड़ा सा बुझा चूना, कुछ बूंद नींबू का रस और मिठास के लिए सहद या गुड़ को अच्छे से घोलकर गर्म गर्म पी सकते हैं ।

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पारिजात का पेड़ के फायदे - parijaat ka ped ke fayde


1. टूटी हड्डी में पारिजात के फायदे - parijat ke fayde


पारिजात का काढ़ा पीने से हड्डियों का दर्द ठीक होता है चाहे वह दर्द गठिया रोग के कारण से ही क्यों न हो, यह शरीर में उपस्थित एसिड को कम करके छरिए बनता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।


हरसिंगार की पत्ती के लेप को टूटी हुई हड्डियों पर लगाकर उसे कपड़े से कसकर बाँधने से हड्डियाँ जोड़ने में सहायता मिलती है और साथ ही यह उन्हें और मज़बूत भी बनाता है।

2. हरसिंगार का पत्ता के फायदे साइटिका के रोग में - harsingar ke patte ke fayde


साइटिका एक ऐसा रोग है, जिसमें कमर से पैर तक भयंकर दर्द होता है जिसके कारण चलने में अत्यधिक कठिनाई होती है। चाहे यह रोग कितना भी भी भयंकर हो ।

पारिजात की पत्तियों के काढ़े का नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन करने से इस बीमारी से आराम मिलता है। हरसिंगार के सूखे पत्तें का चूर्ण पानी के साथ सुबह-शाम फंकी लेने से भी साइटिका के दर्द से आराम मिलता है ।

3. रक्त को साफ करने में हरसिंगार के फायदे - harsingar ke fayde in hindi


हरसिंगार रक्त को साफ करने का काम करता है। हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीने से रक्त तो साफ होता ही है बल्कि रक्त-संबंधी विकारों में भी लाभदायक होता है।

4. हरसिंगार से गठिया का इलाज - how to use harsingar leaves for joint pain


हरसिंगार की पत्ती में ऐसे गुण होते हैं जिससे गठिया के इलाज किया जा सकता है। गठिया बच्चो से लेकर वृद्ध तक किसी भी उम्र के लोगो को सकता है, किन्तु यह समस्या बढ़ती उम्र के लोगों को ज्यादा होती है ।

हरसिंगार के 6 से 7 पत्ते लेकर सिल बट्टे में पीस लें। अच्छे से पीसने के बाद पेस्ट को एक बड़े बर्तन में रखें, बर्तन इतनी बड़ी होनी चाहिये कि उसमें एक गिलास पानी आ जाये । पानी डालने के बाद घोल को तब तक उबालें जब तक कि वह आधा न रह जाए । इस प्रकार के काढ़े का उपयोग आपने प्रतिदिन करना है। इस प्रक्रिया को करीब डेढ़ महीने तक करते रहें । कुछ ही दिनों में आपको इसका असर दिखने लगेगा।

5. घाव में पारिजात के फायदे  - parijat ke fayde


पारिजात का तेल दर्द, चोट और सूजन को कम करने में सहायक होता है। इतना ही नहीं, यह गठिया, मांसपेशी में खींचाव, जोड़ो और मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाता है।


हरसिंगार के तीनों भाग पत्ते, फूल व तने का रस निकालकर प्रतिदिन पीने से जोड़ों के दर्द व सूजन में आराम मिलता है। पारिजात के फूलों का लेप जोड़ों पर लगाने से सूजन में राहत मिलती है ।


इसके अलावा नारियल तेल और पारिजात के तेल की 5-6 बूंदों को मिलाकर गर्म करें, इस तेल को सूजन वाले क्षेत्र पर इस मिश्रण से मालिश करने से दर्द से राहत मिलती है।

6. चरम रोग में पारिजात के पत्ते फायदे - parijat leaves benefits in hindi


हरसिंगार एक अच्छी एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल जड़ी बूटी है। यह अनेक प्रकार के त्वचारोग, एलर्जी और त्वचा के धब्बे का इलाज करता है। यह न केवल बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ता है ।


हरसिंगार का तेल त्वचा संबंधित समस्या के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह दाग-धब्बों को तो मिटाता ही है और साथ ही त्वचा को चमकदार बनाता है। इसके पत्ते का पेस्ट भी त्वचा पर लगाया जा सकता है। पारिजात का फेस पैक चहरे पर लगाने से रंग साफ होता है ।

7. लंबे व मज़बूत बाल करने में पारिजात के फायदे - benefits of parijat for hair in hindi


अक्सर लोग व्यस्त जीवन शैली के कारण बालों के देखभाल नहीं होने के कारण विभिन्न प्रकार की बालों की समस्याओं से ग्रसित हो जाते हैं। यह गंजापन, स्कर्वी रोग और सिर के संक्रमण के इलाज में उपयोगी है । यह यह बालों से जूँ खत्म करने व डैंड्रफ का उपचार करने और सफेद बालों को काला करने में सहायता करता है।


हरसिंगार के फूलों का रस निकाल कर पीने से बाल मज़बूत व लंबें व घने होते हैं। यह सूखे व बेजान बालों में जान डाल देता है। इससे रूसी खत्म करने का एक असरदार उपचार है।

8. हरसिंगार के पत्ते से मधुमेह का घरेलू उपचार- har singar plant benefits for sugar


हरसिंगार के पेड़ के पत्तों के रस का सेवन करने से ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित रहता है । इस रोग में पारिजात का सेवन करते वक्त अपने चिकित्सक से सलाह लेना न छोड़े उसे जारी रखना अत्यंत आवश्यक है ।

9. पाचन में हरसिंगार के फायदे - harsingar ke fayde hindi me


हरसिंगार के पत्ते का रस पीने से पाचन में सुधार तो होता ही है, बल्कि साथ ही पेट के कीड़े भी मर जाते हैं, जिस कारण पाचन शक्ति और बेहतर होती है। अगर आप पेट के कीड़ों को की दवा का सेवन करते हैं, तो भी कभी-कभी हरसिंगार के पत्ते के रस का सेवन करते रहेगे तो इससे दोबारा कीड़े होने की संभावना नहीं रहती है ।

10. महिलाओं के लिए स्वास्थ्य-वर्धक है पारिजात का फूल - parijat ke phool


महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हरसिंगार के फायदे बहुत है ।यह तनाव को खत्म करता है और एक स्वस्थ व सुखी जीवन जीने में मदद करता है । हरसिंगार के फूल भारत के पश्चिम बंगाल राज्‍य का राजकीय फूल है ।


हरसिंगार पुष्प की कलियों का सेवन यदि कालीमिर्च के साथ किया जाए तो स्त्री-संबंधित रोगों पर सकारात्मक असर पड़ता है ।

11. मलेरिया में पारिजात के फायदे - parijat ke fayde


हरसिंगार के फूल की पत्तियों का उपयोग अक्सर मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता है। पारिजात के पत्ते का रस मलेरिया के इलाज में प्रभावी होता है।


पारिजात की पत्तियों के रस मलेरिया के परिजीवों को मारने में मदद करता है। पारिजात के फूल ही नहीं, उसकी पत्तियों का पेस्ट भी मलेरिया में फायदे करता है ।

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12. तनाव कम करने में हरसिंगार का उपयोग - uses of harsingar for stress in hindi


हरसिंगार के फूलों की सूंघने भर से मन खुश हो जाता है और तनाव दूर होता है। इसकी खुशबू नकारात्मक सोच को भी दूर भागती है। यदि किसी को कभी तनाव , चिंता महसूस हों तो हरसिंगार के फूलों को सूंघ कर देखे, अवश्य ही आनंद की अनुभूति होगी ।


हरसिंगार (पारिजात) के नुकसान - harsingar ke nuksan 


इस दिव्य वृक्ष के कोई ऐसे दुष्प्रभाव नहीं  हैं। अगर इसके फायदों को देखे तो इसके नुकसान नगण्य है ।अधिकता किसी भी चीज की बुरी हो सकती है अतः इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करे । जानकारों के अनुसार इसे अपने घर के आँगन में उगाना चाहिए, इससे आपका घर तो सुगंधित होगा ही और साथ में जीवन में खुशहाली आ जाएगी तथा आपका शरीर भी रोग-मुक्त रहेने लगेगा ।

एक बार फिर बता दे कि हरसिंगार से गठिया का इलाज किया जाता है । parijat ke fayde की दृष्टि से देखा जाए तो यह बहुत ही उत्तम औषधि है ।

इस लेख का मूल उद्देश्य लोगों आयुर्वेदिक नुस्खों से संबंधित जानकारी के प्रति जागरूक करना है ना कि उपचार, किसी भी गंभीर रोग में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें लेंवे ।
धन्यवाद ।


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