बकायन का पेड़ विशेषतः उत्तर भारत, पंजाब, तथा दक्षिण भारत मे पाये जाते है, ये हिमालय के निम्न प्रदेशो मे 2000-3000 फिट की उचाई तक होता है । बकायन का वृक्ष नीम की भाँति माध्यम आकार के होते है । यह 20 से 40 फिट ऊंचे होते है ।
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Bakain ka ped |
फागुन और चैत्र मास मे बकायन का पेड़ से दूधिया रस निकलता है, ऐसी अवस्था में कोमल पत्तियो को छोड़ कर कोई भाग के क्वाथ अथवा रस का प्रयोग नही करना चाहिए ।
यहां पर हम आपको बकायन के उपयोग, लाभ और हाया, के बारे मे बताने जा रहे हैं। बाकायन का पेड़़ काफी विषैला होता है । इस लिए इसके किसी भी भाग का उपयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए।
बकायन के फल की उपेक्षा बकायन की छाल व फूल कम विषैले, बकायन के बीज सबसे अधिक विषैले और बकायन के ताजे पत्ते कम विषैले व नुकसान रहित होते है ।
Bakayan ke ped का वैज्ञानिक नाम Melia azedarach L. है । ये meliaceae कुल का पेेेड़ है । अंग्रेजी में इसे Bead tree कहते हैं । आम भाषा में इसे bakayan tree कहते हैं ।इसे अलग अलग भाषाओ मे निम्न नामो से जाना जाता है ।
हिंदी - बकैन, महानीम, बकायन
संस्कृत - माहनिम्ब, दरेक
गुजराती-लिंमदो
मराठी - बकाना निम्ब
बंगाली - घोड़ा निम्ब
पंजाबी - दरेक
फारसी - आजाद दरख़्त
अरबी - हरबित
बकायन के उपयोग - bakain tree uses
1. यह वात व पित नाशक होता है।
2.बकायन से कुष्ट रोगों का इलाज
किया जा सकता है ।
3. यह रक्त विकारो को दूर करता है ।
4. बकायन बवासीर मे बहुत उपयोगी है।
5. यह चुहो के विष को दूर करता है ।
6. इससे शवास रोगों का भी उपचार किया जाता है ।
7. इससे वमन, प्रमेह, गुल्म आदि रोगों का इलाज किया जा सकता है।
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बकायन के औषधीय उपयोग - Bakayan tree uses in Hindi
बकायन के उपयोग, लाभ और हानियां, बकायन - bakayan से विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है । बवासीर, नेत्ररोग, मुह के छाले, पेट मे दर्द, आँतो के कीड़े, प्रमेह, श्वेतप्रदर, खुजली, पेट के कीड़े आदि, अर्श में तो बकायन के पेड़ - bakain tree का बहुत महत्व है ।
1. अर्श में बकैन के उपयोग- bakain tree uses
1.1. बकायन के सूखे बीज को पीस कर इसकी दो ग्राम मात्रा पानी से सुबह शाम लेने से खूनी व बादी दोनो प्रकार की बवासीर मे लाभ होता है।
1.2. इसके 8 से 10 पके फल के बीज जो की जमीन पर गिर जाते है, इन्हें लेकर पानी के साथ पीस कर झाड़ी बेर के आकार की गोली बना ले तथा छाया मे सुखा कर इसकी एक-एक गोली सुबह शाम बांसी जल के साथ सेवन करे, तथा 1 गोली गुड़ के पानी के साथ घिस कर मस्सो पर लगाने से मस्से झड़ जाते है ।
2. पेट के कीड़े में बकायन के फायदे - benefit of bakayan in hindi
बकायन bakain की 50 ग्राम ताजी छाल को कूट कर 300 मिली पानी मे क्वाथ बनाए जा चौथा हिस्सा रह जाये तो बच्चो को एक बड़ा चम्मच सुबह शाम 20 दिन तक पिलाने से आंत के कीड़े नष्ट हो जाते है ।
3. मुंह के छाले में बकायन के फायदे -bakayan ke fayde
20 ग्राम छाल को जला कर, 10 ग्राम सफेद कथे के साथ पीस कर मुह के अंदर बुरकने से लाभ होता है ।
4. आँखों के रोग में बकायन के प्रयोग - bakayan trees uses
4. आँखों के रोग में बकायन के प्रयोग - bakayan trees uses
मोतिया बिंद या दृष्टि कमजोर होना आदि नेत्र विकार मे बकायन के एक कि. ग्राम ताजे पत्ते पीस कर, निचोड़ कर रस निकाल ले, इस रस को पथ्थर के खरल मे घोट कर सुखा ले, दुबारा फिर दो बार खरल करे । पीसते समय इसमे 3 ग्राम भीमसेनी कपूर मिला ले, इससे प्रातः शाम आंखों मे अंजन करने से मोतिबिन्द, तथा अन्य रोग जैसे आंखों मे लालिमा, आंखों से पानी निकलना, आंखों की कमजोरी, रोंहे आदि विकार दूर हो जाते ।
5. खुजली के रोग में बकायन के उपयोग - Bakayan tree uses
मोतिया बिंद या दृष्टि कमजोर होना आदि नेत्र विकार मे बकायन के एक कि. ग्राम ताजे पत्ते पीस कर, निचोड़ कर रस निकाल ले, इस रस को पथ्थर के खरल मे घोट कर सुखा ले, दुबारा फिर दो बार खरल करे । पीसते समय इसमे 3 ग्राम भीमसेनी कपूर मिला ले, इससे प्रातः शाम आंखों मे अंजन करने से मोतिबिन्द, तथा अन्य रोग जैसे आंखों मे लालिमा, आंखों से पानी निकलना, आंखों की कमजोरी, रोंहे आदि विकार दूर हो जाते ।
5. खुजली के रोग में बकायन के उपयोग - Bakayan tree uses
5.1 . इसके 10 से 20 ग्राम फूलो को पीस कर लेप लगाने से त्वचा के फोड़े फुंसी, खुजली आदि रोग मिटते है ।
5.2 . बकायन - के 8 से 10 सूखे फलों को 50ग्राम सिरके मे पीस कर त्वचा पर लगाने से त्वचा के कृमि संबंधित रोग मिटते है ।
5.3 . इसके 50 मिली रस को सिर पर लगाने से सिर की छोटी छोटी फुंसिया, पीप युक्त फुंसिया, सिर के चमड़े की पपडिया ठीक हो जाती है ।
6. गर्भाशय के रोग में बकायन के लाभ - bakayan tree useful
6. गर्भाशय के रोग में बकायन के लाभ - bakayan tree useful
6.1 . बकायन को फूलो - bakayan ke phool का 5 ग्राम रस की मात्रा एक चम्मच शहद के के साथ नियम पूर्वक सुबह शाम चाटने से मासिक धर्म की रुकावट दूर होती है।
6.2 . गर्भाशय की शुद्धि के लिए बकायन की पत्ती के स्वारस रस की 10 ग्राम मात्रा मे अकरकरा के रस या चूर्ण की 3 ग्राम मात्रा मिला कर सुबह शाम खाली पेट पिलाने से लाभ होता है ।
6.3. अगर मासिक धर्म मे रक्त प्रवाह जरूरत से ज्यादा हो रहा हो तो बकायन की पत्ती bakayan leaves in hindi के स्वारस की 5 ग्राम मात्रा देने से मासिक धर्म नियंत्रित होता है । अगर मासिक धर्म मे अवरोध हो तो वह भी इससे ठीक हो जाता है ।
7. चोट की गांठ व सूजन में बकायन के फायदे - bakayan ke fayde
चोटिल स्थान पर रक्त जमने के कारण आयी सूजन पर बकायन के 10 से 20 पत्रो को पीस कर पुल्टिस बंधने से गाँठो का रक्त फैल कर लाभ होता है ।
8. गठिया में बकायन के बीज के फायदे - bakain ke beej
इसके बीजो को सरसों के बीजो के साथ पीस कर लेप करने से गठिया मे लाभ मिलता है ।
9. घाव में बकायन के फायदे - bakayan tree uses
बकायन - bakain के पत्तो के रस से घाव धोने पर लाभ होता है । घावो पर पर 8 से 10 पत्तो का लेप बनाकर लगाने से भी लाभ होता है, शरीर का अंग कट जाए तो भी इसके पत्तो को पीस कर इसका लेप करते है ।
बकायन के नुक़सान - side efects of bakayan in hindi
बकायन पेड का कोई भी भाग खाने की अधिकता, यकृत व अमाशय के लिए हानिकारक है, बकायन - bakayan की अधिकता से होने वाले साइड इफेक्ट को शांत करने के लिए सौंफ़ खाना चाहिए, इसके विषैले गुण के कारण इसकी अधिक मात्रा का इस्तेमाल नही करना चाहिए, मजीठ व जावित्री गुणों मे इसके प्रतिनिधि द्रव्य है ।
बकायन का पेड़ नीम की तरह छायादार तथा कड़वा होता है इसकी छाया फायदे मंद होती है, बकायन के पेड़ के किसी भी अंग का प्रयोग सावधानी पूर्वक अच्छे वैध की सलाह से करना चाहये, हमने बकायन के फायदे का वर्णन ऊपर किया है ।
उम्मीद करते है की आपको यह लेख पसंद आया होगा अत्यन्त गंभीर रोगों मे इसका इस्तेमाल अच्छे वैध की सलाह से करें, इस लेख में बकायन के उपयोग का वर्णन किया गया है । इस पोस्ट को लिखने का एक मात्र उद्देश्य लोगों को आर्युवेद के प्रति जागरूक करना है।
बकायन का पेड़ नीम की तरह छायादार तथा कड़वा होता है इसकी छाया फायदे मंद होती है, बकायन के पेड़ के किसी भी अंग का प्रयोग सावधानी पूर्वक अच्छे वैध की सलाह से करना चाहये, हमने बकायन के फायदे का वर्णन ऊपर किया है ।
उम्मीद करते है की आपको यह लेख पसंद आया होगा अत्यन्त गंभीर रोगों मे इसका इस्तेमाल अच्छे वैध की सलाह से करें, इस लेख में बकायन के उपयोग का वर्णन किया गया है । इस पोस्ट को लिखने का एक मात्र उद्देश्य लोगों को आर्युवेद के प्रति जागरूक करना है।
धन्यवाद ।
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