बकायन के फायदे एवम् उपयोग: bakayan ke faye
                              यहां पर हम आपको बकायन के फायदे, उपयोग, और हानियां, के बारे मे बताने जा रहे हैं । बाकायन का पेड़़ - bakayan tree काफी विषैला होता है । इस लिए बकायन के किसी भी भाग का उपयोग सावधानी पूर्वक एवं उचित मात्रा में करना चाहिए । बकायन की खेती विशेष रूप से, उत्तर भारत पंजाब, तथा दक्षिण भारत में की जाती है।
                            
                            महानीम का पेड़ कैसा होता है?
बकायन का पेड़ नीम से मिलता जुलता होता है, अक्सर लोग नीम और bakain का अंतर लोग नहीं कर पाते है । बकायन के वृक्ष नीम की भाँति माध्यम आकार के होते है । यह 20 से 40 फिट ऊंचे होते हैं ।
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| bakayan ke beej | 
                              फगुन और चैत्र मास मे बकैन का पेड़ से दूधिया रस निकलता है, ऐसी अवस्था में कोमल पत्तियो को छोड़ कर कोई भाग के क्वाथ अथवा रस का प्रयोग नही करना चाहिए ।
                            
                          
                      बकायन के फल की उपेक्षा बकायन की छाल व फूल कम विषैले, बकायन के बीज सबसे अधिक विषैले और बकायन के पत्ते - bakayan ke patte कम विषैले व नुकसान रहित होते है ।
                    
                    
                    
                        बकायन का वैज्ञानिक नाम Meliaazedarach L. है । ये  meliaceae कुल का पेेेड़ है । अंग्रेजी में इसे Bead tree कहते हैं । आम भाषा में इसे bakain tree कहते हैं । इसे अलग अलग भाषाओ मे निम्न नामो से जाना जाता है ।
                      
                      
                        बकायन के अन्य नाम:-
                      
                      हिंदी - बकैन, महा नीम, बकायन,
                        संस्कृत - माहनिम्ब, दरेक
                      
                      
                        गुजराती - लिंमदो
                      
                      
                        मराठी - बकाना निम्ब
                      
                      
                        बंगाली - घोड़ा निम्ब
                      
                      
                        पंजाबी - दरेक
                      
                      
                        फारसी - आजाद दरख़्त
                      
                      
                        अरबी - हरबित
                      
                      बकायन के फायदे-bakain tree in hindi
                          1.  यह वात व पित नाशक होता है।
                        
                        
                          2. बकायन से कुष्ट रोगों का इलाज
                        
                        
                          किया जा सकता है ।
                        
                        
                          3. यह रक्त विकारो को दूर करता है ।
                        
                        
                          4. बकायन बवासीर मे बहुत उपयोगी है।
                        
                        
                          5. यह चुहो के विष को दूर करता है ।
                        
                        
                          6. इससे शवास रोगों का भी उपचार किया जाता है ।
                        
                      
                        7. इससे वमन, प्रमेह, गुल्म आदि रोगों का इलाज किया जा सकता है।
                        
                      
                      
                        यह भी पढे: Aloe vera ke gun, fayde tatha upyog 
                      
                    बकायन के औषधीय गुण - Bakayan ke aushdhiye gun
                      बकायन के उपयोग, लाभ और हानियां, बकायन - bakayan से विभिन्न रोगों का उपचार किया जाता है । बवासीर, नेत्ररोग, मुह के छाले, पेट मे दर्द, आँतो के कीड़े, प्रमेह, श्वेतप्रदर, खुजली, पेट के कीड़े, अर्श के रोग में बकायन के उपयोग अनेक होते हैं ।
                    
                    बकायन के फायदे - benefits of bakayan in Hindi
1. अर्श में बकायन के बीज के फायदे - Bakayan seeds for Piles
                        1.1. बकायन के बीज के बवासीर में उपयोग - bakayan ke beej for piles, सूखे हुए बीजों को पीस कर इसकी दो ग्राम मात्रा पानी से सुबह शाम उपयोग करने से खूनी व बादी दोनो प्रकार की बवासीर मे लाभ होता है।
                      
                      
                        1.2. इसके 8 से 10 पके फल के बीज जो की जमीन पर गिर जाते है, इन्हें लेकर पानी के साथ पीस कर झाड़ी बेर के आकार की गोली बना ले तथा छाया मे सुखा कर इसकी एक-एक गोली सुबह शाम बांसी जल के साथ सेवन करे, तथा 1 गोली गुड़ के पानी के साथ घिस कर मस्सो पर लगाने से मस्से झड़ जाते है ।
                      
                      
                        1.3.  बकायन के बीज - bakayan ke beej की गिरी तथा सौंफ बराबर मात्रा लेकर पीस कर चूर्ण ( bakayan seed powder) बना ले । इसमे बराबर की मात्रा मे मिश्री मिला कर इसकी दो ग्राम की मात्रा दिन मे तीन बार उपयोग करने से बवासीर ( अर्श ) मे फायदे होते है ।
                      
                    2. पेट के कीड़े में बकायन के फायदे - benefits of bakayan in hindi
                      बकायन  bakain की 50 ग्राम ताजी छाल को कूट कर 300 मिली पानी मे क्वाथ बनाए जा चौथा हिस्सा  रह जाये तो बच्चो को एक बड़ा चम्मच सुबह शाम 20 दिन तक पिलाने से आंत के कीड़े नष्ट हो जाते है ।
                    
3. मुंह के छाले में बकायन के फायदे - bakayan ke fayde
20 ग्राम छाल को जला कर, 10 ग्राम सफेद कथे के साथ पीस कर मुह के अंदर बुरकने से लाभ होता है ।




